नासतो विद्यते भावो , नाभावो विद्यते
सतः ,जो अनित्य पदार्थ हैं , उनमें स्थायित्व नहीं हो सकता.
जो नित्य है वही सत्य है ,जो सत्य है उसका अनित्य से मेल नहीं हो सकता . गीता २
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जिससे मेरा मरना न छूटे उसे लेकर क्या करूं ? हे वासुदेव ! शक्ति देना कि
वैचारिक शरीर के प्रति सजग रहूँ . परमेश प्रभो को कोटि - कोटि नमन है जो
अंतर्मन में समा कर मुझे भी अर्जुन की तरह गीता सुना गए . अनंत शक्ति को अनंत
नमन
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